ये है मामला
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत मतदान कर्मियों का द्वितीय प्रशिक्षण 13 और 14 फरवरी 2025 को विकासखंड मुख्यालयों में आयोजित किया गया था. इसके बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारी बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बलौदा बाजार से 15 कर्मचारी, भाटापारा से 29 कर्मचारी सिमगा से 106 कर्मचारी, कसडोल से 56 कर्मचारी और पलारी से 70 कर्मचारी अनुपस्थित रहे. चुनावी प्रक्रिया के लिए यह गंभीर लापरवाही मानी जा रही है.
जवाब नहीं देने पर होगी कार्रवाई
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम एवं छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 17(2)(3) के तहत निर्वाचन कार्य में लापरवाही अनुशासनात्मक कार्रवाई योग्य अपराध है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
लापरवाही सिर्फ कर्मचारियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि जिम्मेदार अधिकारी भी ड्यूटी से नदारद रहे. सिमगा के रिटर्निंग ऑफिसर अंशुल वर्मा बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए थे. जब उनकी लोकेशन ट्रेस कराई गई तो वे रायपुर में मिले. इस मामले को गंभीर मानते हुए कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्यों में लापरवाही करना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उप नियम (1) के खंड (एक) (दो) का उल्लंघन है.
चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के निर्देश
प्रशासन ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे निर्वाचन प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. मतदान से संबंधित सभी प्रशिक्षण और प्रक्रिया का गंभीरता से पालन करें. यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अनुशासनहीनता या लापरवाही करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.