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बड़े चाव से लोग खाते हैं मशरूम की सब्जी, अब जान लीजिए शाकाहारी है या मांसाहारी

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जब बात मशरूम की आती है, तो एक सवाल बार-बार पूछा जाता है – क्या मशरूम वाकई शाकाहारी होता है? दिखने में सब्जी जैसा ये खाद्य पदार्थ ना तो पौधा है और ना ही जानवर, बल्कि इसका संबंध ‘फंगस’ नाम की एक अलग जीव-जगत से है। यही बात इसे औरों से अलग बनाती है। कुछ लोग इसे सुपरफूड मानते हैं क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जबकि कुछ लोग इसे खाने से सिर्फ इसलिए बचते हैं क्योंकि ये ना पौधा है, ना फल। मशरूम खुद भोजन नहीं बनाता, बल्कि गिरे-पड़े जैविक पदार्थों से पोषण लेता है।

तो क्या ऐसे जीव को खाना शाकाहारी माना जा सकता है? इस लेख में हम मशरूम की बायोलॉजी, इसके सेहत से जुड़े फायदे के बारे में जानेंगे – ताकि आप खुद तय कर सकें कि मशरूम को अपने शाकाहारी आहार में शामिल करना सही है या नहीं।

मशरूम

मशरूम दिखने में पौधों जैसा लगता है, लेकिन ये एक पूरी तरह से अलग जैविक समूह का हिस्सा है जिसे ‘फंगस’ या ‘कवक’ कहते हैं। ये खासतौर पर बारिश के मौसम में उगता है और दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर पाया जाता है – जंगलों, घास के मैदानों, सड़ती लकड़ियों, और भूमिगत स्थानों में। कुछ मशरूमों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी औषधि के रूप में किया जाता है।

पौधों से मशरूम कितने अलग हैं?

पौधों के पास सूर्य की रोशनी को ऊर्जा में बदलने की क्षमता होती है, जिसे ‘प्रकाश संश्लेषण’ कहते हैं। लेकिन मशरूम में क्लोरोफिल की अनुपस्थिति होती है। ये सूरज की रोशनी से ऊर्जा नहीं प्राप्त कर सकते। इसके अलावा, मशरूम में जड़, तना या पत्तियां नहीं होती हैं, जो पौधों में पोषण के लिए जरूरी होती हैं। मशरूम फंगस की तरह बाहरी कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं।

मशरूम शाकाहारी या नहीं?

इतनी सारी विशेषताएं जानने के बाद ये साफ है कि मशरूम न तो पौधा है और न ही जानवर। ये ‘कवक’ (फंगस) नामक एक अलग समूह का हिस्सा है। और क्योंकि इसमें तंत्रिका तंत्र या मस्तिष्क नहीं होता, इसे दर्द या पीड़ा का अनुभव नहीं होता। ये शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के बीच का एक विशेष मामला बनता है।

पर्यावरण के लिए मशरूम का योगदान

मशरूम को उगाना काफी आसान होता है, और ये कम संसाधनों का उपयोग करता है। ये खाद्य अपशिष्ट को कम करने में मदद करता है और पर्यावरण को संतुलन बनाए रखने में मदद कता है। इसके अलावा, मशरूम की खेती पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से एक बेहतरीन विकल्प साबित होती है, क्योंकि ये प्राकृतिक संसाधनों का कम इस्तेमाल करती है।

व्यक्तिगत चुनाव

शाकाहारी होने का निर्णय पूरी तरह से लोगों पर निर्भर करता है। ज्यादातर शाकाहारी मशरूम को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके वर्गीकरण और उत्पत्ति को लेकर सोचते हैं कि ये उन्हें अपने आहार से बाहर रखना चाहिए। ये पूरी तरह से व्यक्तिगत तौर पर निर्भर करता है कि कौन इसे अपने आहार में शामिल करेगा और कौन नहीं।