नरसिंह जयंती बेहद शुभ मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के उग्र स्वरूप भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय और भक्तों की रक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस साल नरसिंह जयंती दिन रविवार, 11 मई को मनाई जाएगी, जो हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है, तो आइए इसकी डेट और पूजा विधि जानते हैं, जो इस प्रकार है।
कब मनाई जाएगी नरसिंह जयंती?
पंचांग गणना के आधार पर वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 05 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 11 मई को रात 09 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल यह पर्व 11 मई को ही मनाया जाएगा।
नरसिंह जयंती पूजा विधि
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से पवित्र करें।
- एक वेदी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित करें।
- अगर नरसिंह जी की प्रतिमा न हो तो भगवान विष्णु की तस्वीर भी स्थापित कर सकते हैं।
- पूजा शुरू करने से पहले व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- भगवान नरसिंह की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
- चंदन, कुमकुम, हल्दी और गुलाल आदि चीजें अर्पित करें।
- उन्हें पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनाएं और पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
- भगवान नरसिंह को फल, मिठाई, विशेष रूप से गुड़ और चना अर्पित करें।
- पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
- घी का दीपक जलाएं।
- भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में भगवान नरसिंह की आरती करें।
- पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए माफी मांगे।
- अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पूजा मंत्र
- ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:
- ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
- ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥