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धमतरी नगर निगम और आबकारी विभाग के बीच विवाद, 1 करोड़ के बकाया किराए पर बढ़ा तकरार

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धमतरी: शहर में स्थित शराब दुकानों के किराए को लेकर नगर निगम और आबकारी विभाग के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. दरअसल विवाद 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का है. शहर में संचालित 2 शराब दुकानें नगर निगम के भवन में चल रही हैं. जिन्हें आबकारी विभाग को निगम ने किराए पर दे रखा है. बीते 3 सालों से इन दोनों भवनों का किराया बढ़ते बढ़ते 1 करोड़ के पार पहुंच गया है. अब निगम ने किराया वसूलने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है. निगम की तरफ से आबकारी विभाग को पत्र भेजा गया है. धमतरी में रोजाना शराब की रिकार्ड बिक्री होती है. पूरे जिले का आंकड़ा देखे तो हर महीने में करीब 35 करोड़ की शराब धमतरी में बिकती है.

1 करोड़ का किराया बाकी: धमतरी जिला प्रदेश के उन जिलों में से एक है जहां जमकर शराब की बिक्री होती है. जिले भर की सभी दुकानों से सरकार सालाना करोड़ों का राजस्व कमाती है. नगर निगम का कहना है कि इतना अधिक आय होने के बाद भी दुकानों का किराया देने में कोताही बरती जा रही है यह हैरान करने वाली बाते है. क्योंकि जो दुकान निजी जगह पर हैं उनका भुगतान तो महीने दर महीने किया जा रहा है. लेकिन नगर निगम से किराए पर ली गई दुकानों का भुगतान नहीं करना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.

शराब दुकानों पर 1 करोड़ किराए की राशि बाकी है. आबकारी अधिकारी को पत्र लिखा गया है: रामू रोहरा, महापौर, धमतरी

नगर निगम करेगा वसूली: किराया वसूली को लेकर नगर निगम भी कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है. इसकी वजह है की शराब दुकान भी सरकार की और नगर निगम भी सरकार का ही अंग है. ऐसे में निगम सख्त भी नहीं हो पा रहा है धमतरी नगर निगम की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है. ऐसे में एक करोड़ों रुपए से ज्यादा की राशि निगम में विकास कार्यों के लिए खास मायने रखती है. धमतरी नगर निगम के आय का जरिया दुकानों से आने वाला किराया भी है. इन पैसोंं से निगम अपने कर्मचारियों का वेतन भी निकालता है. विकास के कार्यों में भी इसी राशि को लगाया जाता है. फिलहाल बचे हुए किराए की राशि के लिए निगम पत्र लिखने से ज्यादा और कुछ भी नहीं कर पा रहा है.