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पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को बनाया था निशाना, भारतीय सेना ने यूं फेल किया मिसाइल अटैक

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अमृतसर :  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम  में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था, जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर कई ड्रोन और मिसाइल दाग दिए थे। हालांकि, भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया था।सेना ने सोमवार को एक प्रदर्शन किया कि कैसे आकाश मिसाइल प्रणाली, एल-70 एयर डिफेंस गन सहित भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और पंजाब के शहरों को पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचाया।

पाकिस्तान के निशाने पर था स्वर्ण मंदिर

15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग) मेजर जनरल कार्तिक सी शेषाद्रि ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा यहां के सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिकों और प्रतिष्ठित ठिकानों को भी निशाना बनाने की चाल को भांप लिया था, जिसमें स्वर्ण मंदिर जैसे धार्मिक स्थल भी शामिल थे, जो खुफिया जानकारी के अनुसार मुख्य लक्ष्य था।
मेजर जनरल शेषाद्रि ने कहा कि हमें पता था कि पाक सेना के पास कोई वैध लक्ष्य नहीं है, हमने अनुमान लगाया कि वे भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, नागरिक लक्ष्यों, धार्मिक स्थलों सहित को निशाना बनाएंगे। इनमें से स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख प्रतीत हुआ। हमने स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त एयर डिफेंस सिस्टम लगाई थी।पाक स्वर्ण मंदिर पर ड्रोन और मिसाइलों से बनाया था निशाना

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाते हुए ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों सहित हवाई हथियारों से हवाई हमला किया, जिसे सेना के जवानों ने ‘नाकाम’ कर दिया, जो ऐसी स्थितियों और हमलों के लिए तैयार थे। शेषाद्रि ने कहा कि 8 मई की सुबह-सुबह, बिल्कुल अंधेरे में पाकिस्तान ने मानव रहित हवाई हथियारों, मुख्य रूप से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। हम पूरी तरह से तैयार थे क्योंकि हमें इसकी आशंका पहले से थी।हमारे बहादुर और सतर्क सेना के एयर डिफेंस गनर्स ने पाकिस्तानी सेना के नापाक इरादों को विफल कर दिया और स्वर्ण मंदिर पर निशाना साधे गए सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया और पवित्र स्वर्ण मंदिर पर एक खरोंच भी नहीं आने दी। गौरतलब हो कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच मॉक ड्रिल के दौरान पहली बार स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद की गई थी।