Home देश क्या अन्नामलाई और कमल हासन बनेंगे सांसद? जानिए राज्यसभा चुनाव में असम-तमिलनाडु...

क्या अन्नामलाई और कमल हासन बनेंगे सांसद? जानिए राज्यसभा चुनाव में असम-तमिलनाडु की 8 सीटों का सियासी गणित

8
0

भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार (26 मई) को घोषणा की कि असम और तमिलनाडु की कुल 8 राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को मतदान होगा। इनमें असम की 2 और तमिलनाडु की 6 सीटें शामिल हैं, जो अगले दो महीनों में खाली होने जा रही हैं।

तमिलनाडु में छह सीटों के लिए चुनाव होंगे, जिन पर वर्तमान में निम्नलिखित सांसद हैं

  1. अंबुमणि रामदास (PMK)
  2. एन. चंद्रशेखरन (AIADMK)
  3. एम. शन्मुगम (DMK)
  4. पी. विल्सन (DMK)
  5. एम. मोहम्मद अब्दुल्ला (DMK)
  6. वैको (MDMK)

इनमें PMK और AIADMK एनडीए का हिस्सा हैं, जबकि MDMK, DMK के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन में शामिल है। तमिलनाडु विधानसभा की कुल 234 सीटों में से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 34 वोटों की आवश्यकता है।

DMK गठबंधन के पास कुल 158 विधायक हैं (DMK 133, कांग्रेस: 17, VCK 4, CPI 2, CPI-M 2), जिससे उसे आराम से चार सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर NDA के पास 75 विधायक हैं (AIADMK 66, बीजेपी 4, PMK 5), जिससे वे दो सीटें जीतने की स्थिति में हैं।

MNM और वैको पर नजर

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या DMK अपने नए सहयोगी कमल हासन (Kamal Haasan) की ‘मक्कल निधि मय्यम’ (MNM) को एक राज्यसभा सीट देती है। MNM ने 2024 लोकसभा चुनावों में INDIA गठबंधन का समर्थन किया था और चर्चा है कि उसे बदले में राज्यसभा सीट का वादा किया गया था।

वहीं, बीजेपी ने हाल ही में अपने तमिलनाडु प्रमुख के. अन्नामलाई (K. Annamalai) को हटाकर AIADMK की वापसी के लिए रास्ता आसान किया है। अब देखना यह है कि क्या AIADMK इस सहयोग का बदला एक राज्यसभा सीट देकर चुकाएगी।

राज्यसभा में मौजूदा स्थिति

वर्तमान में राज्यसभा में NDA के पास 128 सदस्य हैं जबकि विपक्ष के पास 89 सदस्य हैं। YSRCP, BJD, BRS, BSP और MNF जैसे दलों के पास कुल 20 सीटें हैं, वहीं 8 सीटें फिलहाल खाली हैं।

असम में एक सीट NDA की झोली में, दूसरी पर कांटे की टक्कर

असम में असम गण परिषद (AGP) के बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य और भाजपा के मिशन रंजन दास का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रहा है। राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए हर उम्मीदवार को कम से कम 42 वोटों की आवश्यकता है। फिलहाल सत्तारूढ़ NDA के पास कुल 80 विधायक हैं (भाजपा: 64, AGP 9, और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल यानी UPPL 7)। इस आधार पर NDA एक सीट तो आसानी से जीत सकती है, लेकिन दूसरी सीट के लिए उसे 4 वोटों की कमी है।

कांग्रेस के पास 26 विधायक हैं, और उसे माकपा (CPI-M) के एकमात्र विधायक का समर्थन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा कांग्रेस ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के 15 विधायकों और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के 3 विधायकों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है, ताकि बीजेपी को दूसरी सीट पर शिकस्त दी जा सके।