Home छत्तीसगढ़ 7 कारोबारियों पर 17 लाख का जुर्माना, खाद्य विभाग ने मारी रेड

7 कारोबारियों पर 17 लाख का जुर्माना, खाद्य विभाग ने मारी रेड

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है। राज्य भर में व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव, दुर्ग और कबीरधाम जिलों में खाद्य प्रतिष्ठानों, होटलों, रेस्टोरेंट और निर्माण इकाइयों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है। इस कार्रवाई में कई नमूने एकत्र किए गए हैं, और नियमों का उल्लंघन करने वाले कारोबारियों पर भारी जुर्माना लगाया गया है।

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सघन निरीक्षण
गर्मी के मौसम में खाद्य और पेय पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाले सभी खाद्य उत्पाद सुरक्षित, शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाले हों।

विभिन्न जिलों में कार्रवाई और जुर्माना

बालोद: जिले में बीबी फूड्स एंड बेवरेजेस सहित कई प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। यहां से प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री और पेयजल के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं।

बेमेतरा: मिठाई की दुकानों, किराना दुकानों, दूध उत्पादों और बर्फ फैक्ट्रियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। जांच में अनियमितता पाए जाने पर सात प्रतिष्ठानों पर कुल 17 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया। इसके अतिरिक्त, बिना पंजीकरण और भ्रामक लेबल के साथ उत्पाद बेचने के दो मामले न्यायालय में प्रस्तुत किए गए हैं।

राजनांदगांव: गर्मी में पेयजल उत्पादों में मिलावट की आशंका को देखते हुए सघन जांच की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने वाले ‘अज्जु’, ‘पोपो एक्वा’, ‘पोम्पी मैंगो’, ‘पेप्सी’ जैसे स्थानीय ब्रांड के पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर के नमूने परीक्षण हेतु भेजे गए। साथ ही, होटलों और भोजनालयों से आलू मसाला, बिरयानी चावल, कटहल आदि खाद्य पदार्थों के नमूने भी लिए गए। अप्रैल 2025 से अब तक जिले में 211 नमूने एकत्र किए गए हैं, जिनमें से 06 अवमानक, 03 मिथ्याछाप (गलत लेबलिंग) और 03 असुरक्षित पाए गए हैं। इन सभी मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है।

दुर्ग: खाद्य पदार्थों और पैकेजिंग सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए 18 कानूनी नमूने और 20 पैकिंग सामग्री के नमूने लिए गए हैं। पूर्व में लिए गए नमूनों में मिठाइयों, खोवा, मसालों, बेकरी उत्पादों और पेयजल में गंभीर गुणवत्ता दोष पाए गए थे। चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा लिए गए 121 नमूनों में से 09 अवमानक पाए जाने पर उन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।

कबीरधाम: जिले से 08 नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से सभी 08 अवमानक और 01 मिथ्याछाप पाए गए। इन प्रकरणों को माननीय एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां ‘बादशाही द ढाबा’ पर ₹20,000 और ‘न्यू कल्पना रेस्टोरेंट’ पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया गया।

खाद्य कारोबारियों को सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने सभी खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत लाइसेंस/पंजीकरण की अनिवार्यता, समय पर नवीनीकरण और प्रतिष्ठान में स्वच्छता नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा पर बड़ी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री ने की अभियान की प्रशंसा
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस सघन निरीक्षण अभियान की सराहना की है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार नागरिकों को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अभियान जनस्वास्थ्य की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल है। विभागीय अधिकारी पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

निरंतर जारी रहेगा अभियान
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का यह सघन अभियान निरंतर जारी रहेगा। राज्य खाद्य प्रयोगशालाओं से नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल उपभोक्ता स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि खाद्य कारोबारियों को भी नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक करना है।