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न बीज, न बड़ा खेत… फिर भी 2 महीने में लखपति! किसान ने कर दिखाया ऐसा जुगाड़, हर कोई हैरान

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आजकल खेती के क्षेत्र में कई नए प्रयोग हो रहे हैं. किसान अपने खेतों में पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों की भी खेती कर रहे हैं. सांगली जिले के एक किसान ने अपने खेत में ऐसा ही एक अनोखा प्रयोग किया है. शिराला तालुका के सागाव के किसान चंद्रकांत बाबासो पाटील ने बिना बीज वाली खीरे की खेती की है.

चंद्रकांत पाटील ने ढोलेवाड़ी रोड के पास 10 गुंठे खेत में पॉलिहाउस बनाया है. यहां वे पहले जरबेरा की खेती कर रहे थे. लेकिन इस बार उन्होंने बिना बीज वाली खीरे की आधुनिक खेती का सफल प्रयोग किया है.
पॉलिहाउस में फरवरी महीने में उन्होंने बिना बीज वाली खीरे की बुवाई की. इसके लिए उन्होंने कृषि सलाहकार संतोष कोरे का मार्गदर्शन लिया. बिना बीज वाली खीरे के केयूके-9 एस बीज का उपयोग कर उन्होंने दो हजार पौधे तैयार किए.
पाटील ने तैयार किए गए 2 हजार पौधों को 15 दिन बाद पॉलिहाउस में लगाया. इसके बाद तार और जाली बांधकर फसल की देखभाल की. साथ ही, पॉलिहाउस में होने के कारण रोग नियंत्रण और दवाओं के छिड़काव में भी आसानी हुई.
एक महीने के बाद खीरे का उत्पादन शुरू हो गया. शुरुआती तुड़ाई में उन्हें रोजाना औसतन 100 किलो खीरे का उत्पादन मिला.
बिना बीज वाली खीरे को प्रति किलो 60 से 70 रुपये का भाव मिल रहा है और मुंबई मार्केट में इसकी बड़ी मांग है. सिर्फ दो महीने में 10 गुंठे क्षेत्र से ढाई टन खीरे का उत्पादन हुआ. उत्पादन खर्च निकालने के बाद लाखों का मुनाफा हुआ. खीरे की फसल को व्यावसायिक रूप से लिया गया है.
प्रयोगशील किसान चंद्रकांत पाटील ने बताया कि इस खीरे में बहुत कम बीज होते हैं, इसलिए इसे ‘बिना बीज वाली खीरा’ कहा जाता है. सही देखभाल के कारण बिना बीज वाली खीरे का यह प्रयोग जिले में सफल रहा.