हर एक हिंदू के लिए अपरा एकादशी के दिन का खास महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार विष्णु जी (नारायण) और धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। साथ ही उपवास रखना शुभ माना जाता है।
हर साल अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार 23 मई 2025, वार शुक्रवार को अपरा एकादशी का उपवास रखा जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग अपरा एकादशी के दिन सच्चे मन से पूजा-पाठ व व्रत रखते हैं, उन्हें जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। चलिए अब जानते हैं अपरा एकादशी से जुड़े उपायों के बारे में।
अपरा एकादशी से जुड़े उपाय
- मान्यता है कि ईशान कोण में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए अपरा एकादशी की रात घर के मंदिर में ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय मां लक्ष्मी और विष्णु जी के नाम का जाप करें। इससे आपके घर में सुख और समृद्धि का वास होगा। साथ ही पैसों की कमी से भी छुटकारा मिलेगा।
- अपरा एकादशी की रात देवी तुलसी की पूजा करें। पूजा करने के बाद तुलसी के पेड़ के पास घी का एक दीपक जलाएं। इससे आपके घर में सकारात्मकता का वास होगा और गृह क्लेश से छुटकारा मिलेगा।
- यदि आपका कोई काम लंबे समय से पूरा नहीं हो रहा है तो अपरा एकादशी की रात सच्चे मन से भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। साथ ही वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें। इस दौरान मन ही मन अपनी परेशानी को बोलें। परिक्रमा खत्म होने के बाद पेड़ के पास घी का एक दीपक जलाएं और बिना पीछे मुड़े अपने घर जाएं। इस उपाय से जल्द आपके अधूरे काम पूरे होने लगेंगे।
23 मई 2025 के शुभ मुहूर्त
- सूर्योदय- प्रात: काल 5 बजकर 46 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04 बजकर 10 मिनट से लेकर 04 बजकर 58 मिनट तक
- पारण समय- प्रात: काल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 11 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक
- अमृत काल- सुबह 10 बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक
- राहुकाल- सुबह 10 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक